हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, आज 10 रबीअ उस-सानी पर क़ुम शहर हज़रत फातिमा मासूमा (स) की शहादत की याद में शोक में है। शहर की सड़कें काले रंग से ढकी हुई हैं और हवा उदासी से भरी हुई है।
क़ुम अल मुकद्देसा जो इस्लामी क्रांति का केंद्र है और फ़िक्ह जाफरी की नींव है, आज, एक बार फिर, करीमा अहले-बेत, उख़्तुर रज़ा, हज़रत फातिमा मासूमा (स) की शहादत की याद में, इस पवित्र शहर के हर कोने में मातम का माहौल है और क़ुम के लोग अपने घरों और मस्जिदों पर काले झंडे लहराकर अपना दुःख और प्यार व्यक्त कर रहे हैं।
आज, हज़रत मासूमा (स) के हरम के आसपास ज़ाएरीन और क़ुम के लोग दुःख की स्थिति में हैं। हर आंख में आंसू हैं और दिल गम से भरा हुआ है। लोगों ने अपने घरों और दुकानों पर काले झंडे भी लगा दिए हैं और शहर के हर कोने में शोक का मंजर दिखाई दे रहा है।
क़ुम के लोगों का कहना है कि हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) की शहादत का यह दिन हर साल उनके दिलों में गहरे दुःख को ताज़ा करता है, और वे इस दिन को बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाते हैं।
आज हज़रत मासूमा (स) के हरम मे बड़ी संख्या में जायरीन मौजूद हैं, जहां हर शख्स अपने-अपने तरीके से करीमा अहलेल बैत (स) की शहादत पर अपना दुख जाहिर कर रहा है। ज़ाएरीन अपने आंसुओं से हज़रत मासूमा (स) को पुरसा दे रहे हैं।